जशोदाबेन का कहना है कि :- मुझे एक बार बुला ले तो भी मैं चली जाऊंगी। वह मेरे बारे में सोचते होंगे यह मैं यकीन के साथ कह सकती हूं।
उनका कहना है कि वह प्रधानमंत्री से 47 सालों से दूर रहती हैं। उन्हें संतोष है कि वह कम से कम प्रधानमंत्री की पत्नी कह कर जानी जाती हैं।
जैसे ही 16 मई के दिन प्रधानमंत्री की किस्मत चमकी थी। वैसे ही जशोदाबेन पैसे से रह चुकी अध्यापिका को पुलिस की सुरक्षा मिल गई। गुजरात पुलिस के 5 सिपाही उनके साथ साए की तरह रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने जब अपना लोकसभा का फार्म भरा तो जशोदाबेन को अपनी पत्नी बताया था। जशोदाबेन का विवाह 1968 को हुआ था हालांकि वो विवाह के बाद साथ नहीं रहे। मोदी ने यह कहते हुए उनको छोड़ दिया कि उन्हें देश की सेवा करनी है। 47 साल से दोनों अलग रह रहे हैं। जशोदाबेन ने बताया कि उन्हें अपने जीवन का जरा भी अफसोस नहीं है। मोदी ने उन्हें देश की सेवा के लिए छोड़ा था। 40 साल से रह चुके जशोदाबेन अध्यापिका अभी ढंग से सुन नहीं पाती हैं। वह प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती थी।
जशोदाबेन ने बताया कि वह प्रधानमंत्री के लिए सप्ताह में 4 दिन का व्रत करती है। जिसमें वह चावल नहीं खाती। उनकी इच्छा होती है कि वह प्रधानमंत्री के साथ आए। लेकिन वह बताती है कि मीडिया वह इस तरह नहीं दिखाती। बल्कि गलत तरीके से मेरी बात को दर्शाती है। जब प्रधानमंत्री ने लोकसभा के फार्म में जशोदाबेन को अपनी पत्नी बताया। तब जशोदाबेन के आंखों में आंसू छलक उठे थे।जशोदाबेन को पूरी उम्मीद थी कि मोदी अब उन्हें अपना लेंगे और नए सिरे से अपना जीवन शुरू करेंगे। लेकिन मोदी ने ऐसा नहीं किया।जशोदाबेन कहती है कि मोदी के दिल में मेरे लिए प्यार होगा तभी उन्हें अपने पत्नी माना है। जशोदाबेन उन सभी खबरों को नकार ती है जिसमें कहा गया था कि लोकसभा के चुनाव के दौरान उन्हें गुप्त जगह रखा गया था। उनका कहना है कि कि वे तीर्थ यात्रा पर गई थी। उनका कहना है कि जब मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत हुई तब वे बहुत ही खुश हुई थी।
I wish modi accept her